Surrogacy Meaning in Hindi | सरोगेसी क्या होता है
What is Surrogacy Meaning in Hindi । सरोगेसी क्या होता है । सरोगेसी का मतलब क्या होता है । surrogacy ka matlab kya hai । surrogacy ka matlab kya hota hai hindi
आज हम आपको Surrogacy Meaning in Hindi के बारे में बताने जा रहे है। सरोगेसी मीनिंग की बात करे तो हिंदी में सरोगेसी को किराए की कोख के नाम से जाना जाता है। सरोगेसी नि:संतान लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। किराए की कोख द्वारा बच्चा पैदा करने वाली औरत के अधिकारों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने सितंबर 2016 में कुछ विशेष नियम बनाये। इन नियम के आधार पर Surrogacy के दवारा जन्मे बच्चे के माता पिता को कानूनी अधिकार भी दिए जायेगे।

सितंबर 2016 के सरकारी नियमो के आधार पर लिव-इन रिलेश्नशिप में रहने वाले, सिंगल, समलैंगिक और अविवाहित आदमी और औरत Surrogacy के लिए आवेदन नहीं कर सकते। सरकारी नियमो के अनुसार केवल आपके रिश्तेदार में मौजूद महिला ही केवल सरोगेसी के द्वारा बच्चा पैदा कर सकती है। सरकार का यह नियम कुछ लोगो को सही लगा, लेकिन अधिकतर लोग सरकार के इस नियम के खिलाप है।
सरोगेसी आधुनिक युग का एक ऐसा माध्यम है, जो किसी को भी संतान का सुख देने में समर्थ है। जो लोग माता पिता नहीं बन सकते, उनके लिए यह एक चमत्कार के समान है। अपना खुद का बच्चा चाहने के लिए सरोगेसी दंपति और महिला के बीच का एक एग्रीमेंट होता है। आम भाषा में कहे तो सरोगेसी का मतलब है बच्चे के तक किसी औरत की किराये की कोख। जब वह औरत बच्चा पैदा कर देती है, तो वह एग्रीमेंट के अनुसार अपना बच्चा महिला को दे देती है।
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विषय-सूची
सरोगेसी क्या है (What is Surrogacy Meaning in Hindi)
सरोगेसी द्वारा अधिकतर ऐसी औरते बच्चा पैदा करवाती है, जिन्हे माँ बनने में तकलीफ होती है, कभी किसी औरत को बच्चा पैदा करने में दिक्कत होती है, आईवीएफ तकनीक बार बार फेल हो रही हो या महिला का बार बार गर्भपात हो रहा हो। जो औरते किसी दंपति के बच्चे को अपनी कोख से जन्म देती है, या जन्म देने को तैयार हो जाती है, वो औरत सरोगेट मदर (Surrogate Mother) कहलाती है।
सरोगेसी के प्रकार (Types of Surrogacy in Hindi)
ट्रेडिशनल सरोगेसी (Traditional Surrogacy) – ट्रेडिशनल सरोगेसी में पुरुष के शुक्राणुओं को किसी दूसरी महिला (जिसे सरोगेट मदर भी कह सकते है) के अंडाणुओं के साथ निषेचित कराया जाता है। ट्रेडिशनल सरोगेसी में केवल पुरुष बच्चे का जैनेटिक सम्बन्ध होता है।
जेस्टेशनल सरोगेसी (Gestational Surrogacy) – जेस्टेशनल सरोगेसी में माता और पिता दोनों का बच्चे के साथ जैनेटिक सम्बन्ध होता है। ऐसा इसीलिए होता है, क्योंकि जेस्टेशनल सरोगेसी में पिता के शुक्राणुओं और माता के अंडाणुओं का परखनली विधि द्वारा मेल कराकर सरोगेट मदर की बच्चेदानी में प्रत्यारोपित कर दिया जाता है।
भारत की बात करे तो Surrogacy की यह प्रथा एकदम नयी है। भारत में बच्चा गोद लेने की प्रथा काफी समय से चली आ रही है, लेकिन सरोगेसी की यह प्रथा एकदम नहीं है, और यह विदेशो से आयी है। पाश्चात्य संस्कृति का हावी होना इसका मुख्य कारण है।
जो लोग माँ बाप नहीं बन सकते, उनके लिए संतान सुख प्राप्त करने का सरोगेसी एक अच्छा माध्यम है। डॉ. सरोज मोदी के अनुसार जो दंपति किसी कारण से माता पिता का सुख प्राप्त नहीं कर पाते, उन्हें सरोगेसी के माध्यम से माता पिता बनने का सौभाग्य प्राप्त होता है।
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भारत में सरोगेसी का खर्चा अन्य देशो की तुलना में काफी कम है। इसका कारण भारत में मौजूद गरीब महिलायें है। जो कम पैसो में ही सरोगेट मदर बनने के लिए अर्थात किसी दूसरे का बच्चा अपनी कोख में पैदा करने के लिए तैयार हो जाती है। सरोगेट मदर का बच्चे पैदा होने तक बहुत ध्यान रखा जाता है, इसके साथ ही बच्चा पैदा होने के बाद उन्हें पैसे भी दिए जाते है।
अन्य देशो की तुलना में भारत में सबसे अधिक बच्चे सरोगेसी से पैदा किये जाते है। इसका कारण है, भारत में आसानी से सरोगेट मदर का मिलना। सरोगेसी के कम खर्चे को देखते हुए कई विदेशी लोग भी सरोगेट मदर के लिए भारत आते है।
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