क्या आपको पता है की मौलिक कर्त्तव्य क्या है और भारतीय सविधान में मौलिक कर्तव्य की संख्या कितनी होती है और व्यक्ति को क्यों इसका सम्मान करना चाहिए तो दोस्तो हम आज बात करेंगे मौलिक कर्तव्य के बारे में जो की हमें जरूर पता होना चाइये ।
विषय-सूची
मौलिक कर्त्तव्य क्या है ? मौलिक कर्त्तव्य से आप क्या समझते हैं
मौलिक कर्त्तव्य किसी कार्य को करने के दायित्व को कर्त्तव्य कहते हैं। मौलिक कर्त्तव्य ऐसे बुनियादी कर्त्तव्यों को कहते हैं जो व्यक्ति को अपनी उन्नति व विकास के लिए तथा समाज व देश को प्रगति के लिए अवश्य ही करने चाहिए ।
गांधी जी का विचार था कि “हमारे अधिकारों का सही स्रोत हमारे कर्तव्य होते हैं और यदि हम अपने कर्तव्यों का सही ढंग से निर्वाह करेंगे तो हमें अधिकार मांगने की आवश्यकता नहीं होगी।
मौलिक कर्तव्य कौन से अनुच्छेद में है? Which article contains Fundamental Duties
मौलिक कर्तव्य सरदार स्वर्ण सिंह समिति की अनुशंसा पर संविधान के 42वें संशोधन (1976 ई) के द्वारा मौलिक कर्तव्य को संविधान में जोड़ा गया. इसे रूस के संविधान से लिया गया है इसे भाग 4(क) में अनुच्छेद 51(क) के तहत रखा गया है समाज और राज्य द्वारा व्यक्ति से जिन कार्यों को करने की पपेक्षा की जाती है वे ही उसके कर्तव्य कहलाते है।
कर्तव्य की परिभाषा क्या होती है?
बैनी प्रसाद के अनुसार ” अधिकार और कर्तव्य को हम सही रूप मे देख सकते है। ये एक ही सिक्के के दो पहलू है। यदि कोई उनको अपनी दृष्टि से देखता है तो उसका अधिकार है और यदि कोई उन्हें दूसरी दृष्टि से देखे तो उसके कर्तव्य है समाज के प्रत्येक सदस्य का इस कल्याण के प्रति दोहरा दायित्व है।
भारतीय संविधान में मौलिक कर्तव्य कितने होते है?
भारतीय सविधान में 11 मौलिक कर्तव्य का उल्लेख किया गया है जो इस प्रकार से है –
1. प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा की वह संविधान का पालन करना और उसके आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्रध्वज एवं राष्ट्र गान का आदर करना।
2. स्वतंत्रता के लिये हमारे राष्ट्रीय संघर्ष को प्रेरित करने वाले महान आदर्शों का पालन करना।
3. भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को बनाए रखना और उसकी रक्षा करना।
4. देश की रक्षा करे।
5. भारत के सभी लोगो में समरसता और भावना का निर्माण करे।
6. हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परंपराओं का महत्व समझे और उसका परीक्षण करें ।
7. प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा और उसका संवर्धन करें।
8. वैज्ञानिक वैज्ञानिक दृष्टिकोण और भावना का विकास करे।
9. सार्वजनिक संपत्ति को सुरक्षित रखें।
10. व्यक्तिगत एवं सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में उत्कर्ष की ओर बढ़ने का सतत प्रयास करें ।
11. माता पिता या संरक्षक द्वारा 6 से 14 वर्ष के बच्चों हेतु प्राथमिक शिक्षा प्रदान करना ( 86 वा संविधान संशोधन) के तहत।
भारतीय संविधान में 42वाँ संविधान संशोधन अधिनियम?
जैसा की आपको पता होगा को यह संविधान का सबसे महत्त्वपूर्ण संशोधन माना जाता है। इसे लघु संविधान के रूप में जाना जाता है। इसके तहत मौलिक कर्तव्यों के अलावा कुछ अन्य महत्त्वपूर्ण संशोधन किये गए थे-
इस संशोधन के अंतर्गत भारतीय संविधान में समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष एवं अखंडता जैसे तीन नए शब्द जोड़े गए इसमें राष्ट्रपति को कैबिनेट की सलाह को मानने के लिये बाध्य का किया गया।
और इसमें शिक्षा, वन, वन्यजीवों एवं पक्षियों का संरक्षण, नाप-तौल और न्याय प्रशासन तथा उच्चतम और उच्च न्यायालय के अलावा सभी न्यायालयों के गठन और संगठन के विषयों को राज्य सूची से समवर्ती सूची में स्थानांतरित किया गया।
तो उम्मीद है इस पोस्ट को में आप जान गए होंगे की मौलिक कर्त्तव्य क्या है molik kartavya in hindi और साथ ही बताया है मौलिक कर्तव्य कितने होते हैं उनके नाम क्या है वो साड़ी जानकारी इस पोस्ट में हमने आपको दे दी है तो अगर आपको ये पोस्ट पसंद आये हो तो इस सोशल मीडिया पर जरूर शेयर करे ।
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