भारत एक कृषि प्रधान देश है भारत में कई प्रकार की फसलें उगाई जाती है। भले ही भारत में कृषि के उन्नत साधन आज तक पूरी तरह से विकसित नहीं हुआ है लेकिन भारत उन देशों में गिना जाता है जो कृषि के क्षेत्र में सबसे आगे है। भारत की प्रमुख फसलों में जौ (Barley) भी गिना जाता हैं। आज के इस पोस्ट में हम जौ के बारे में बात करेंगे। आज हम जानेंगे की जौ क्या है (Barley Meaning in Hindi) और क्यों महत्वपूर्ण है? साथ में इससे जुड़ी अन्य कई बातें भी जानेंगे।
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विषय-सूची
Barley Meaning in Hindi (जौ क्या है)
Barley एक अंग्रेजी शब्द है जिसे हम हिंदी में जौ के नाम से जानते हैं। यह एक फसल का नाम है जो भारत की मुख्य फसलों में से एक है। जो को संस्कृत में यह कहते हैं और यह पृथ्वी पर उगाई जाने वाली सबसे प्राचीन फसलों में से एक है। जौ मुख्य रूप से भारत के साथ साथ अमेरिका, रूस, यूक्रेन, अमेरिका जर्मनी और कनाडा में पैदा होती हैं।
यह फसल समुद्र तल से 14 हजार फुट की उचाई तक पैदा की जा सकती है। वैज्ञानिकों के अनुसार जौ की फसल गेहूं से अधिक सहनशील होती है। जौ को कई तरह की मिट्टी में उगाया जा सकता है लेकिन इसके लिए सर्वश्रेष्ठ मध्यम दोमट मिट्टी होती है।
जौ के उत्पादन के मामले में रूस, यूक्रेन, फ्रांस, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, अर्जेंटीना और अमेरिका क्रमशः एक से दस नम्बर ओर है यानी की Top 10 देशो में भारत का नाम शामिल नहीं है।
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Environment to Grow the Barley (जौ को उगाने के लिए जलवायु)
जौ की गिनती रबी फसलों में होती है। यह सर्दी में उगाई जाने वाली फसल है। इसके लिए शीतोष्ण जलवायु उपयोक्त मानी जाती हैं। जौ की खेती समुद्र तल से 4 हजार मित्र तक की उचाई ओर की जा सकती है। इसके लिए नर्म जलवायु बेहतरीन मानी जाती है। इसके लिए न्यूनतम तापमान 35 से 40° F व अधिकतम तापमान 72 से 86°F होना चाहिए। वैसे तो यह कई प्रकार की मिट्टी में उगाया जा सकता है लेकिन मध्यम दोमट मिट्टी इसके लिए सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है।
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Importance of Barley (जौ की फसल का महत्व)
जौ एक नही बल्कि कई कार्यो को करने में सक्षम है। जौ की फसल का प्रयोग दाने, पशुआहार, चारा आदि के लिए किया जाता हैं। इनके अलावा शराब,बेकरी,पेपर,फाइबर पेपर, फाइबर बोर्ड जैसे अनेक आद्योगिक क्षेत्र में भी जौ की फसल महत्वपूर्ण योगदान देती है। जौ की फसल का औषधीय दृष्टि से भी महत्व है।
जौ का भारतीय सँस्कृति में काफी महत्व माना जाता है। भारत में त्योहारों और शादी ब्याह शादी में जौ का पूजन की सामग्री के रूप में उपयोग किया जाता है। आज भी धार्मिक कार्यक्रमो में नवा अन्न खाना की धार्मिक क्रिया जौ के बिना पूरी नहीं होती। होलीका की आग की लपटों में जौ की हरी कच्ची बाली को आंच देकर उसे आज भी प्रसाद के रूप में खाया जाता है। इसके अकाव बेटियों के विवाह के समय भी जौ का उपयोग किया जाता है।
जौ के अन्य भी कई सारे फायदे है। जौ की मदद से कई सारी बीमारिया मिटाई जा सकती है जैसे की इससे सूजन दूर की जा सकती है, कण्ठ माला से छुटकारा पाया जा सकता है, डायबिटीज से भी राहत पायी जा सकती है, जलन और खुजली जैसी समस्याओ से छुटकारा, मूत्रावरोध से राहत, ज्वर से छुटकारा, मस्तिष्क के प्रहार से छुटकारा, अतिसार से राहत में मदद, मोटापा बढ़ाने में मददगार, धातु पुष्टिकर रोग से राहत, पथरी से छुटकारा, गर्भपात किया जा सकता है,
कर्ण शोध और पित्त से राहत पायी जा सकती है और आग से जलने के बाद राहत पाने जैसे इसके अन्य भी कई फायदे है। आज के इस पोस्ट में हमने जौ का अर्थ (Barley Meaning in Hindi), जौ का महत्व जैसी कई जानकारियां हासिल की है। अगर यह पोस्ट आपको पसन्द आया हो तो इसे शेयर करे।
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