Vitamin D ki Kami Se Hone Wale Rog | विटामिन डी 3 की कमी से होने वाले रोग
विटामिन डी 3 की कमी के लक्षणों | Vitamin D ki Kami Se Hone Wale Rog in Hindi | टामिन डी की कमी से कमी होने वाले रोग | vitamin d ki kami se kya hota hai | vitamin d ki kami | vitamin d ki kami se rog विटामिन डी की कमी से होने वाले रोग का नाम | विटामिन डी की कमी से रोग
आजकल कम उम्र में ही लोगो के शरीर में दर्द होने लगता है, जो कि गंभीर चिंता का कारण है। बुढ़ापे में होने वाली बीमारियां आजकल कम उम्र में ही होने लगी है, और इनका कारण है हमारी बदली जीवन शैली। इंसान को स्वस्थ जीवन जीने के लिए अनेक प्रकार के विटामिन की जरुरत होती है, और इन विटामिन में से ही एक है विटामिन डी। विटामिन डी के कारण शरीर को अनेक प्रकार के रोग लग जाते है। इस विटामिन की कमी पुरुषो की अपेक्षा औरतो में अधिक देखने को मिलती है।

विटामिन डी हमारे शरीर को अनेक रोगो से बचा के रखता है। आपको जानकर हैरानी होगी की शरीर में विटामिन डी की कमी के कारण कैंसर जैसा खतरनाक रोग भी हो जाता है। जी हां विटामिन दी की कमी के कारण शरीर शरीर कमजोर हो जाता है और कमजोर शरीर पर बोन कैंसर की खतरनाक कोशिकाएं जल्दी अटैक करती है।
विटामिन डी की कमी होने पर शरीर में इसकी कमी के शुरूआती लक्षण नजर आने लगते है, लेकिन जानकारी की कमी के कारण अधिकतर लोग इन लक्षणों को पहचान नहीं पाते। आज हम आपको विटामिन डी और विटामिन डी की कमी से होने वाले रोगो के बारे में हिंदी में जानकारी देंगे। तो चलिए हिंदी में जाने विटामिन डी के बारे में।
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विषय-सूची
- 1 विटामिन डी क्या होता है (Vitamin D in Hindi)
- 2 विटामिन डी के प्रकार (Types of Vitamin D)
- 3 विटामिन डी की कमी से कमी होने वाले रोग (Vitamin D Ki Kami Se Hone Wale Rog in Hindi)
- 4 विटामिन डी की कमी के कारण ( Causes of Vitamin D Deficiency in Hindi)
- 5 विटामिन डी की पूर्ति कैसे करे (Source of Vitamin D in Hindi )
- 6 विटामिन डी के फायदे (Benefits of Vitamin D)
विटामिन डी क्या होता है (Vitamin D in Hindi)
कुछ लोगो को विटामिन डी के बारे में पता नहीं होता, ऐसे में वे लोग गूगल पर विटामिन डी क्या है, और विटामिन डी की कमी के कारण क्या होता है, ये सर्च करते है। विटामिन डी Fat Soluble Vitamins है, और यह विटामिन हमारे शरीर के लिए बहुत उपयोगी है। विटामिन डी को सनशाइन विटामिन भी कहते है। विटामिन डी द्वारा ही शरीर के सभी मुख्य कार्य होते है। कई डॉक्टर विटामिन दी को हार्मोन्स के बराबर मानते है।
विटामिन डी के प्रकार (Types of Vitamin D)
Ergocalciferol (Vitamin D2) – यह विटामिन पेड़ पौधो द्वारा प्राप्त होता है।
Cholecalciferol (Vitamin D3) – जब हमारी त्वचा सूर्य की रौशनी के संपर्क में आती है, तब इस विटामिन का निर्माण होता है। यह विटामिन कुछ Animal source से भी प्राप्त हो जाता है।
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विटामिन डी की कमी से कमी होने वाले रोग (Vitamin D Ki Kami Se Hone Wale Rog in Hindi)
- मांसपेशियों और हड्डियों में दर्द होना
- सिर पर अधिक पसीना आना
- दिन में नीद अधिक आना
- मसूड़ों से जुडी बीमारिया होना
- कमर दर्द होना
- हमेशा थकान रहना
- रक्तचाप बढ़ना
- तनाव में रहना
- वजन का बढ़ना
- मांसपेशियों में खिचाव
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विटामिन डी की कमी के कारण ( Causes of Vitamin D Deficiency in Hindi)
1. त्वचा के सूर्य की रौशनी के संपर्क में आने से विटामिन डी का निर्माण होता है, इसीलिए अगर आप ऐसी जगह पर रहते है, जहाँ धुप नहीं आती या फिर आप धुप में बाहर नहीं निकलते, तो ऐसे में आपके शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाती है।
2. हमारे शरीर में जो विटामिन डी निर्मित होता है, उसे हमारी किडनी एक्टिव फॉर्म में बदल देती है। जब किसी कारण से किडनी विटामिन डी को एक्टिव फॉर्म में बदल नहीं पाती तब भी शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाती है। अधिकतर बुढ़ापे में किडनी की विटामिन डी को एक्टिव फॉर्म में बदलने की क्षमता कम हो जाती है, इसी कारण बुढ़ापे में शरीर में अक्सर विटामिन डी की कमी हो जाती है।
3. उम्र बढ़ने के साथ साथ भी शरीर में विटामिन डी की कमी होने लगती है। उम्र बढ़ने के साथ त्वचा की सूरज की रौशनी के साथ विटामिन डी निर्मित करने की क्षमता कम हो जाती है और इसके साथ ही किडनी भी विटामिन दी को सही तरीके से एक्टिव फॉर्म में कन्वर्ट नहीं कर पाती, जिसके कारण शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाती है।
4. विटामिन डी की कमी का एक बड़ा कारण मोटापा भी है। मोटापे के कारण ब्लड में मौजूद विटामिन डी को फैट सेल्स एक्सट्रेक्ट करने लगती है। विटामिन डी एक्सट्रेक्ट होने के कारण Blood Circulation में विटामिन डी की कमी हो जाती है। एक शोध के अनुसार BMI 30 से अधिक होने पर विटामिन डी की कमी हो जाती है।
5. अगर आप नॉन वेज नहीं खाते, तो आपके शरीर में विटामिन डी की कमी हो सकती है, क्योंकि प्राकृतिक रूप से विटामिन डी केवल नॉन वेज चीजों जैसे अंडा मछली में पाया जाता है।
6. जो लोग TB के रोग से ग्रसित होते है, उनके शरीर में विटामिन डी की कमी पायी जाती है।
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विटामिन डी की पूर्ति कैसे करे (Source of Vitamin D in Hindi )
1. सूरज की किरणें (Sun rays) – विटामिन डी की कमी को पूरा करने का सबसे अच्छा और सस्ता माध्यम है, सूर्य की किरणें। अगर आप अपने शरीर से विटामिन डी की कमी को दूर करना चाहते है, तो रोजाना सुबह की धुप में आधे से एक घंटे तक बैठे। सूर्योदय के बाद के दो से तीन घंटे में सबसे अच्छा विटामिन डी प्राप्त होता है।
जो लोग काली त्वचा वाले होते है, उनकी त्वचा को विटामिन डी बनाने में कम समय लगता है, इसीलिए गोरी त्वचा वालो की तुलना में काली त्वचा वाले लोगो को धुप में अधिक समय बैठना चाहियें। अगर आप सूर्य की किरणों की साइड कमर की साइड से बैठे तो अधिक लाभ होगा।
2. आहार (Diet) – विटामिन डी युक्त आहार जैसे के मशरूम, मछली, अंडा, दही, दूध और पनीर के सेवन से भी आप अपने शरीर में विटामिन डी की कमी को पूरा कर सकते है। नॉन वेज चीजे जैसे अंडा, मछली खाने से विटामिन डी की पूर्ति जल्दी होती है।
3. दवाइयां (Medicines) – अगर आप चाहे तो दवाइयो द्वारा भी विटामिन डी की कमी की पूर्ति कर सकते है। विटामिन डी युक्त अनेक प्रकार की दवा बाजार में मौजदू है, लेकिन बिना डॉक्टर की सलाह के इन दवाइयों का सेवन ना करे। क्योंकि इन दवा का जरूरत से अधिक सेवन आपके शरीर के लिए हानिकारक है। विटामिन डी युक्त दवाईयों का सेवन कितनी मात्रा में करना है, यह इस बात पर निर्भर करता है, कि व्यक्ति के शरीर में कितनी मात्रा में विटामिन डी की कमी है, इसीलिए बिना डॉक्टर की सलाह के इनका सेवन करना खतरनाक है।
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विटामिन डी के फायदे (Benefits of Vitamin D)
- विटामिन डी से अस्थमा रोगियों को लाभ मिलता है।
- विटामिन डी के सेवन से मस्तिष्क सही से काम करता है।
- विटामिन डी टीबी के रोगियों के लिए लाभकारी है।
- शरीर में कैल्शियम का अवशोषण करने के लिए विटामिन डी जरुरी है।
- विटामिन डी मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूत बनाता है।
- विटामिन डी दवारा शरीर की रोग प्रतिकारक क्षमता बढ़ती है।
- विटामिन डी स्वस्थ हृदय के लिए जरुरी है।
- विटामिन डी मोटापे को बढ़ने नहीं देता।
- गर्भावस्था में विटामिन डी का सेवन प्रचुर मात्रा में करना चाहियें।
आज हमने आपको विटामिन डी 3 की कमी के लक्षणों & विटामिन डी की कमी से होने वाले रोग के बारे में विस्तार से बताया। आपको ये जानकारी कैसी लगी, कमेंट के माध्यम से जरूर बताये। अगर ये लेख आपको पसंद आया, तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करना ना भूले।
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