साइटिका के लक्षण, क्योर, घरेलू इलाज और जरुरी परहेज
साइटिका बीमारी के लक्षण – कमर से जुडी किसी भी नस में सूजन आने पर पैर में पीड़ादायक दर्द होने लगता है। पैर में होने वाले इस दर्द को सायटिका (Sciatica) या गृध्रसी कहते है। साइटिक तंत्रिका शरीर की सबसे लम्बी और महत्वपूर्ण तंत्रिका है। साइटिक तंत्रिका की शुरुआत रीढ़ की हड्डी से होती है, और फिर यह तंत्रिका हमारे नितम्बो और कूल्हों से होते हुए दोनों पैरो की तरफ नीचे की तरफ जाती है
साइटिक तंत्रिका का आपके पैरो को महसूस और नियंत्रित करने की क्षमता पर सीधा असर पड़ता है साइटिक तंत्रिका में होने वाली परेशानी को साइटिका कहते है। कई लोग साइटिका को कटिस्नायुशूल के नाम से भी जानते है।

साइटिका सनसनी की तरह पैरों में मध्यम से और आपके नितंबों और में पीठ में दर्द के रूप में प्रकट होती है। साइटिक तंत्रिका में कोई समस्या अर्थात साइटिका होने पर आप इन हिस्सों में सुन्नता और कमजोरी का अनुभव कर सकते है। साइटिक तंत्रिका या साइटिक तंत्रिका पर असर डालने वाले क्षेत्र में चोट लगने के कारण साइटिका की समस्या होती है।
साइटिका का दर्द दोनों पैरो में नहीं होता, यह दर्द एक समय में केवल एक ही पैर में होता है । यह दर्द अनेक कारणों से किसी भी उम्र में हो सकता है, परन्तु 30 से 50 वर्ष की आयु के बीच के लोगो में साइटिका का दर्द अधिक देखने को मिलता है। सर्दियों में साइटिका पैन गंभीर रूप ले लेता है। साइटिका दर्द बढ़ने पर रोगी को चलने फिरने और उठने बैठने जैसे सामान्य कार्य करने में भी परेशानी होने लगती है ।
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विषय-सूची
- 1 साइटिका के लक्षण (Sciatica Symptoms in Hindi)
- 2 साइटिका के कारण (Sciatica Causes in Hindi)
- 3 साइटिका से बचाव (Prevention of Sciatica in Hindi)
- 4 साइटिका का परीक्षण (Diagnosis of Sciatica in Hindi)
- 5 साइटिका में क्या खाएं (Sciatica Me Kya Khaye)
- 6 साइटिका में परहेज (Sciatica Me Parhej)
- 7 साइटिका का इलाज (Sciatica Treatment in Hindi)
- 8 व्यायाम करने के साथ साथ निम्नलिखत बातो पर भी पूरा ध्यान दे –
- 9 Disclaimer:–
साइटिका के लक्षण (Sciatica Symptoms in Hindi)
- कमर से लेकर पैरो तक मांसपेशियों और नसों में झनझनाहट होना
- मांसपेशियों और नसों में तनाव के साथ दर्द होना
- झनझनाहट के साथ तेज दर्द होना
- पैरों का सुन्न हो जाना
- चलने में दर्द होना
- पसलियों और पैरो में बैठे बैठे अचानक दर्द होना
- नसों में अचानक जकड़न आ जाना
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साइटिका के कारण (Sciatica Causes in Hindi)
1. रीढ़ की हड्डी में चोट लगने के कारण साइटिका रोग हो सकता है।
2. एक अवस्था में लम्बे समय तक बैठने या लेटे रहने के कारण भी साइटिका रोग हो सकता है।
3. गलत तरीके की जीवन शैली और असंतुलित भोजन करने के कारण भी साइटिका रोग होने का खतरा बढ़ जाता है।
4. आर्थराइटिस रोग अगर रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से में हो जाये, तो साइटिका रोग होने का खतरा बढ़ जाता है।
5. साइटिक तंत्रिका के आस पास दूषित द्रव के जमा होने पर, नाड़ी पर दबाव पड़ता है, जिसके कारण साइटिका रोग होने की सम्भावना पैदा हो जाती है।
6. जो लोग रात के समय अधिक देर तक जागते है, उनमे साइटिका रोग होने की सम्भावना बढ़ जाती है
7. जो लोग अपनी कार्य करने की क्षमता से अधिक काम करते है, उनमे साइटिका रोग होने का चांस अधिक रहता है।
8. स्लिप डिस्क की समस्या होने के कारण भी साइटिक रोग होने का खतरा रहता है।
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साइटिका से बचाव (Prevention of Sciatica in Hindi)
1. रीढ़ की हड्डी और पेट की मांसपेशियों में लचीलापन और ताकत लाने वाले व्यायाम करे।
2. साइटिका से बचने के लिए लम्बे समय तक एक ही पोजीशन में ना बैठे।
3. धूम्रपान करने से भी साइटिका रोग हो सकता है, इसीलिए धूम्रपान की गन्दी आदत ना अपनाये।
4. अगर आप साइटिका रोग से बचना चाहते है, तो चलने, बैठने और सोने के लिए सही पोजीशन का निर्धारण करे।
5. मोटापा और अस्वस्थ वजन साइटिका सहित अनेक कई गंभीर रोगो का कारण है, ऐसे में इन बीमारियों से बचने के लिए स्वस्थ वजन बनाये रखे।
6. अगर आप बैठकर काम करते है, तो बैठने के लिए अच्छा अच्छा बैक सपोर्ट देने वाली कुर्सी का चुनाव करे।
7. कुर्सी पर बैठने के लिए ऐसी पोजीशन का चयन करे, जो आपके लिए आरामदायक हो।
8. ऐसे व्यायाम करे जिनसे एरोबिक फिटनेस बनी रहे।
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साइटिका का परीक्षण (Diagnosis of Sciatica in Hindi)
- एक्स-रे (X-ray)
- शारीरिक परीक्षण (Physical Test)
- एमआरआई (MRI)
- सीटी स्कैन (CT scan)
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साइटिका में क्या खाएं (Sciatica Me Kya Khaye)
1. साइटिका के मरीज को मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन भरपूर मात्रा में करना चाहिए।
2. साइटिका के मरीज अपनी डाइट में ओमेगा -3 फैटी एसिड युक्त खाद्य पदार्थों का अधिक इस्तेमाल करे।
3. पोटेशियम साइटिका के मरीज के लिए बहुत उपयोगी है, इसीलिए अपने आहार में पोटेशियम युक्त चीजों को अधिक शामिल करे।
4. ऐसे फलो और सब्जियों का सेवन करे जिनमे विटामिन सी भरपूर मात्रा में हो।
5. साइटिका के उपचार हेतु साइटिका के मरीज को विटामिन बी 12 युक्त भोजन का सेवन करना चाहिए।
6. विटामिन ए युक्त आहार को अपनी डाइट का हिस्सा बना ले।
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साइटिका में परहेज (Sciatica Me Parhej)
- गाय का दूध
- गाय के दूध से बनी चीजे
- जंक फूड
- शर्करा
- अधिक तैलीय भोजन
- रिफाइंड
- अधिक मिर्च मशाले वाला भोजन
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साइटिका का इलाज (Sciatica Treatment in Hindi)
साइटिका का इलाज करने और इसके दर्द को पूरी तरह कैसे खत्म किया जाए, इस बात पर अनेक शोध किये गए। इन शोधो के परिणामस्वरूप यह बात सामने आयी कि इसके इलाज को पूरी तरह व्यायाम के माध्यम से खत्म किया जा सकता है। व्यायामों में भी शरीर को आगे की ओर खींचने वाले व्यायाम साइटिका के दर्द को कम करने में अधिक उपयोगी है, क्योंकि ऐसे व्यायाम करने से आपके प्रभावित तंत्रिका जड़ों पर अधिक दबाव पड़ता है, जिससे आपको दर्द में आराम मिलता है। इसके साथ ही पीठ के भी कई ऐसे व्यायाम है, जिन्हे करने से फायदा होता है।
व्यायाम करने से रीढ़ की हड्डी और शरीर के अन्य अंगो में लचीलापन आता है, जिसके कारण शरीर स्वस्थ रहता है और अनेक प्रकार के दर्द से छुटकारा मिलता है। अगर आप साइटिका के दर्द से पूरी तरह छुटकारा पाना चाहते है, तो वज्रासन, क्रीडासन, मकरासन, भुजंगासन, वायुमुद्रा और मत्स्यासन जैसे व्यायाम करे। इन व्यायामों को रोजाना करने से साइटिका का दूर पूरी तरह दूर हो जाता है। वज्रासन मुख्य ऐसा आसान है, जिसे करने से रीढ़ की हड्डी के निचे के हिस्से पर ध्यान केंद्रित करने में आसानी होती है।
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व्यायाम करने के साथ साथ निम्नलिखत बातो पर भी पूरा ध्यान दे –
1. ऊँची एड़ी आपके दर्द को बढ़ा सकती है, इसीलिए ऊँची एड़ी वाली चप्पल ना पहने।
2. अगर आप बैठकर काम करते है, तो आगे झुककर काम करने से बचे।
3. अगर आपको दर्द अधिक हो रहा है, तो इस समय काम को पूरी तरह छोड़ दे और आराम करे।
4. सोने के लिए अधिक मुलायम गद्दों का चुनाव ना करे।
5. वेस्टर्न टॉयलेट का इस्तेमाल करने से बचे।
6. दर्द होने पर या किसी भारी वस्तु का ना उठाये, इसके साथ ही कभी भी अपनी सामर्थ्य से अधिक वजन ना उठाये।
7. दर्द होने वाले दर्द वाले हिस्से की गर्म पानी की थैली से सिकाई करे।
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