सांस फूलने का होम्योपैथिक इलाज और इसके मुख्य कारण
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सांस फूलने का इलाज कैसे करें
आज इस पोस्ट में हम आपको सांस फूलने के कारण और सांस फूलने का होम्योपैथिक इलाज कैसे करे, इसे बारे में जानकारी देंगे। सांस फूलने को अक्सर लोग सामान्य समझते है, और इसकी तरफ ज्यादा ध्यान नहीं देते। लेकिन हम आपको बता दे कि, सांस फूलने की समस्या अगर लम्बे समय तक बनी रहे, तो यह आपके लिए जानलेवा हो सकती है।

सांस फूलने के अनेक कारण हो सकते है। अधिकतर जब हमारा मस्तिष्क फेफड़ों को सांस की रफ्तार बढ़ाने का निर्देश देता है, तब सांस फूलने की समस्या पैदा होती है। ब्रोंकाइल ट्यूब्स और फेफड़ो में सूजन भी सांस फूलने का बड़ा कारण है। कभी कभी फेफड़ों से जुडी प्रणाली के प्रभावित होने पर भी सांस फूलने की प्रॉब्लम होने लगती है। इस पोस्ट में हम आपको ऐसे घरेलू उपाय बतायेगे, जिनके इस्तेमाल से आप सांस फूलने का इलाज घर पर खुद कर सकते है।
सांस फूलने के कारण (Causes of Breathlessness in Hindi)
- ध्रूमपान करना
- दिल की धड़कन बढ़ना
- गन्दगी के कारण
- शराब पीने से
- नमक का अधिक सेवन
- जंक फ़ूड अधिक खाने से
- वायु प्रदूषण
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सांस फूलने का इलाज (Saas Fulne Ka Upchar in Hindi)
अंजीर (Fig) – सांस फूलने का इलाज करने के लिए अंजीर का सेवन आयुर्वेदिक औषधि के सेवन के बराबर माना जाता है। सांस नली में बलगम या गन्दगी जमा होने के कारण सांस फूलने की समस्या पैदा होती है। अंजीर खाने से छाती में जमी गन्दगी और बलगम सब बाहर निकल जाता है। इससे सांस नली साफ़ हो जाती है, सांस फूलने की समस्या अपने आप खत्म हो जाती है।
सांस फूलने का इलाज करने के लिए रात को तीन से चार अंजीर को गर्म पानी में धोकर साफ पानी में भिगोकर रख दो। सुबह इन अंजीर को पानी से निकालकर चबाकर खाये और ऊपर से जिस पानी में अंजीर भिगोकर रखे थे, वो पानी पी ले। रोजाना कम से कम एक महीने तक इस घरेलू नुस्खे को अपनाये, इससे आपकी सांस फूलने की समस्या काफी तक खत्म हो जायेगी।
तुलसी (Basil) – प्रदूषण और एलर्जी सांस फूलने के मुख्य कारणों में से एक है। तुलसी हमारे श्वसन तंत्र की प्रदूषण और एलर्जी से रक्षा करता है। इसके साथ ही तुलसी के सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। जिन लोगो को अस्थमा और सांस फूलने की समस्या होती है, उन्हें तुलसी के पत्तो से बना काढ़ा पीना चाहियें।
तुलसी के पत्तो का काढ़ा बनाने के लिए एक कप पानी में एक चुटकी सौंठ, 10 तुलसी की ताज़ी पत्तिया, स्वाद अनुसार काला नमक और काली मिर्च उबाले। जब यह आधा हो जाएँ, तब इसे गुनगुना होने तक ठंडा करने पियें। रोजाना इस देशी नुस्खे के इस्तेमाल से सांस फूलने का रोग हमेशा के लिए खत्म हो जायेगा।
अजवाइन (Celery) – श्वास नली में सूजन आने और गन्दगी जमा होने के कारण अक्सर सांस फूलने की समस्या होने लगती है। ऐसी स्थति में श्वास नली की सफाई के द्वारा ही सांस फूलने की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। श्वास नली की सफाई स्टीम या भाप द्वारा आसानी से की जा सकती है।
अजवाइन को पानी में डालकर पानी को उबाले अब इस अजवाइन के पानी से भाप ले। अजवाइन के पानी से भाप लेने से श्वास नली की सूजन में आराम मिलता है और साथ ही श्वास नली में जमी गन्दगी भी साफ़ हो जाती है। जिससे सांस फूलने की समस्या दूर हो जाती है।
अंगूर (grapes) – सांस फूलने या दमे की समस्या होने पर अंगूर का सेवन करना चाहियें। अंगूर खाने या अंगूर का रस पीने से सांस फूलने की समस्या से छुटकारा मिलता है। डॉक्टर के अनुसार जिन लोगो को सांस फूलने या दमे की समस्या होती है, अगर उन्हें अंगूरों के बाग़ में कुछ देर के लिए रखा जाये तो सांस फूलने और दमा की समस्या के अलावा अन्य श्वसन सम्बन्धी समस्याओं में जल्दी आराम मिल जाता है।
तिल का तेल (Sesame oil) – कभी कभी दमे के कारण या फिर ठण्ड के कारण छाती जाम होने के कारण भी सांस फूलने लगती है। ऐसी स्थति में तिल के तेल को हल्का गर्म करने छाती और कमर की मालिश करे। तिल के तेल की मालिश से छाती खुल जाती है, जिससे सांस फूलने की प्रॉब्लम ठीक हो जाती है। तिल का तेल आसानी से बाजार में मिल जाता है।
लहसुन (Garlic) – रात को सोने से पहले एक गिलास दूध में लहसुन की दो से तीन कलियों को उबाले और फिर उस दूध को छानकर पी ले। दूध पिने के बाद कुछ भी खाये पिए नहीं। रोजाना ऐसा करने से सांस फूलने की समस्या खत्म हो जाएगी।
चौलाई (Amaranth) – सांस फूलने की बीमारी का इलाज करने के लिए रोजाना कुछ दिनों तक चौलाई के पत्तो के रस में शहद मिलाकर चाटे। इससे सांस फूलने की बीमारी को काफी हद तक ठीक किया जा सकता है। चौलाई के पत्तो का साग बनाकर खाना भी लाभकारी होगा।
नींबू का रस (Lemon Juice) – गर्म पानी में निम्बू का रस मिलाकर पीने से सांस फूलने की समस्या में काफी आराम मिलता है। अगर आप इस समस्या को जड़ से खत्म करना चाहते है, तो रोजाना गर्म पानी में निम्बू का रस डालकर पियें।
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सांस फूलने में परहेज (Avoiding Breathlessness in Hindi)
अगर आपको दमे या सांस फूलने की समस्या होती है, तो अपने भोजन में एसिड बनाने वाले पदार्थ जैसे कार्बोहाइड्रेट चिकनाई एवं प्रोटीन का कम मात्रा में सेवन करे। क्योंकि एसिड बनाने वाले पदार्थ श्वसन में बाधा पैदा करते है। दमे या सांस फूलने की समस्या में क्षारीय खाद्य पदार्थों जैसे अंकुरित चने, पत्तेदार हरी सब्जियां और ताजे फलो का अधिक सेवन करे।
जिन लोगो को सांस फूलने की समस्या रहती है, उनको पानी उबालकर और गुनगुना करके ही पीना चाहियें। सांस फूलने की बीमारी में केला अधिक मात्रा में ना खाये। ऐसा करने से यह बीमारी बढ़ सकती है।
आज इस पोस्ट में आपने सांस फूलने के कारण और इसके घरेलू इलाज के बारे में जाना। आपको इस जानकारी से किस तरह लाभ हुआ, इसके बारे में हमें कमेंट करके जरूर बताये। आपका हर एक कमेंट हमारे लिए कीमती है। कमेंट करने के लिए पोस्ट के निचे बने कमेंट बॉक्स में जाएँ।
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