जैव ईंधन क्या है ? लाभ और नुक्सान प्रकार

दोस्तों आज हम आपको बताने जा रहे है एक ऐसे fuel के बारे में जिसका भविष्य बहुत ही उज्जल है ! और उसका नाम है जैव ईंधन bio-fuel. जैसा की हम सब जानते है की आने वाले समय में पेट्रोल ख़त्म हो जाएगा! क्या आपने कभी सोचा है की क्या होगा ? जब पेट्रोल ख़तम हो जाएगा आज हम आपको बताएंगे एक इससे फ्यूल के बारे में जो की कभी न ख़त्म होने वाला फ्यूल है और उसका नाम है जैव ईंधन bio-fuel.तो आइये जानते है की क्या होता है जैव ईंधन bio-fuel.
फसलों, पेड़ – पौधों, गोबर यानी प्राकृतिक चीजों में निहित ऊर्जा को ही जैव ईंधन कहते है ! इनका उपयोग करके हम ऊष्मा, विधुत ऊर्जा और अन्य प्रकार की ऊर्जा को उत्पन्न कर सकते है ! जैव ईंधन, जीवाश्म ईंधन से बिलकुल अलग होता है, जहा जीवाश्म ईंधन को बनने में लाखो साल लग जाते है, और तो और जीवाश्म ईंधन, जैव ईंधन की तरह हाइड्रोकार्बोन पर आधारित नहीं होता है !
Read also – Instagram Par Follower Kaise Badhaye 2022 – Real Follower
जैव ईंधन के प्रकार
1. Ethanol {इथेनॉल}:-इथेनॉल में गैसोलीन के द्रव्यमान के बराबर की आधी ऊर्जा होती है ! जिसका अर्थ है कि सामान ऊर्जा प्राप्त करने के लिए इथेनॉल से दोगुना समय लगता है ! इथेनॉल गैसोलीन की तुलना में पूरा साफ़ जलता है और कम Carbon Monoxide उत्सर्जित करता है ! हालांकि इथेनॉल गैसोलीन की तुलना में अधिक ओज़ोन का उत्सर्जन करता है और Smog में कभी योगदान देता है ! इंजन को इथेनॉल पर चलने के लिए Modify किया जाना चाहिए !
2.Biodiesel {बायोडीजल }:- डीजल की तुलना में इसमें थोड़ी कम ऊर्जा होती है तथा इसका उपयोग करने के लिए भी इंजन को Modify करने की जरुरत है ! यह डीजल की तुलना में साफ़ जलता है तथा कम कण और कम सल्फर यौगिकों का उत्सर्जन करता है !
3.Methanol { मेथनॉल}:- मेथनॉल में, मीथेन की तुलना में ज्यादा ऊर्जा होती है ! मेथनॉल तरल रूप में है और परिवहन के लिए आसान है, जबकि मीथेन एक गैस है जिसे परिवहन के लिए सम्पीड़ित किया जाता है !
4.Biobutanol { बायोबुटेनॉल}:- बायोबुटेनॉल में गैसोलीन से थोड़ी कम ऊर्जा होती है, लेकिन इसमें गैसोलीन से चलने वाली कारो को भी बिना किसी Modification के चलाया जा सकता है !
Read also – किडनी रोग (किडनी की बीमारी) के लक्षण, उपचार | किडनी ख़राब होने के कारण, बचाव
जैव ईंधन के लाभ:-
• कम महंगे है:- पारम्परिक इंधनो की दुनिया भर में मांग बढ़ रही है, और इसकी आपूर्ति घट रही है, और इसके कारण ही पारम्परिक इंधनो की कीमत काफी बढ़ रही है ! इसका एक विकल्प जैव ईंधन है ! क्यूंकि इसको स्थानीय पर स्तर पर ही उत्पादित किया जा सकता है और अगर ऊर्जा के स्रोत्रों को मांग और आपूर्ति बढ़ भी जाती है तब भी जैव ईंधन सस्ते ही रहेंगे !
• पर्यावरण के अनुकूल:- पारम्परिक ईंधन के उपयोग से हानिकारक गैसों का उत्सर्जन होता है, जिसके कारण Green House Gais और Global Warming जैसी समस्या बढ़ रही है ! जिसके कारण हमारा पर्यावरण भी बदल रहा है ! अध्य्यन बताते है कि हम Carbon Daioxide को 65 प्रतिशत तक कम कर सकते है, बसर्ते हम जैव ईंधन का उपयोग करे !
• स्थानीय स्तर पर उत्पादन:- सभी देशो में कच्चे तेल के भण्डार नहीं है ! ज्यादातर देशो को दूसरे देशो से तेल आयत करना पड़ता है ! हम जैव ईंधन का स्थानीय स्तर पर उत्पादन कर सकते है और ऐसा करने से न ही केवल दूसरे देशो पर निर्भरता कम होगी, अपितु बहुत ज्यादा धन को भी बचाया जा सकता है !
• स्थानीय अर्थव्यवस्था का विकास :- चूंकि जैव ईंधन को स्थानीय स्तर पर ही उत्पादित किया जा सकता है, इससे देश की सरकार जैव ईंधन विनिर्माण संयंत्र ग्रामीण इलाको में खोलकर रोज़गार को बहुत ज्यादा बढ़ा सकती है ! जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था का विकास होगा !
• नवीकरणीय ऊर्जा :- जैव ईंधन पौधों और अन्य कार्बनिक से प्रदार्थो उत्पन्न होते है ! इसलिए इनको दुबारा से प्राप्त किया जा सकता है, यानी ये नवीकरणीय ऊर्जा के स्रोत है !
Read also – HDFC Full Form in Hindi – What is HDFC Bank?
जैव ईंधन के नुक्सान:-
खाद्य बनाम जैव ईंधन:- जैव ईंधन के उपयोग के साथ खाद्य फसलों की बजाय लोग ईंधन उत्पादन करने वाली फसलों को खेती करेंगे और अगर खाद्य उत्पादन में कमी होगी, तो उसकी कीमत काफी बढ़ जाएगी जो मुद्रास्फीति को जन्म देगी !
स्थानीय जैव विविधता को नुक्सान :- जैव ईंधन विनिर्माण संयंत्र लगाने के लिए ज़मीन की जरुरत होगी, क्यूंकि ज़मीन पहले से ही काफी सीमित है ,तो इसके लिए जंगलो को साफ़ किया जायेगा जिससे जैव विविधता को काफी नुक्सान होगा !
Nitrus Oxide का उत्सर्जन:- हालाकि जैव ईंधन का उपयोग करने से Carbon Daioxide का उत्सर्जन काफी काम होता है लेकिन जैव ईंधन के उपयोग से Nitrus Oxide नामक जहरीली गैस का उत्सर्जन होता है जोकि पर्यावरण के लिए काफी नुकसानदायक है !
उच्च आरंभिक निवेश:- जैव ईंधन संयंत्र को लगाने के लिए काफी ज्यादा निवेश की जरुरत होती है ! और देश की ऊर्जा मांग को पूरा करने के लिए बहुत सारे जैव ईंधन संयंत्र लगाने की जरुरत है !
वाहनों में उपयोग की सीमाये :- वाहनों में जैव ईंधन के उपयोग के लिए वाहन के इंजन को संशोधित करना पड़ेगा लेकिन अभी तक भी जैव ईंधन का सही से उपयोग शुरू नहीं हुआ है इनको Additives के रूप में इनका उपयोग हो रहा है, बल्कि इनका पूरी तरह से उपयोग किया जाना चाहिए !
Read also –