आज हम आप को इस आर्टिकल में बतायेगे की भारत में सविधान कब लागू हुआ | और इस को बनने में कितना समय लगा | और सविधान देश के लिए क्यों जरुरी है | हम आप को इस पोस्ट में सविधान से जुड़े सारे सवालो के जवाब तथा सविधान का क्या महत्व है ये सब बताने वाले है | अगर आप को सविधान से जुड़े कुछ भी जानकारी चाहिए तो इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़े |
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विषय-सूची
भारत में सविधान कब लागू हुआ (bharat ka savidhan kab lagu hua)
भारत में सविधान कब लागू हुआ ? भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है. ये संविधान, भारत का सर्वोच्च विधान है जो संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर, 1949 को पारित हुआ. 26 नवम्बर का दिन भारत के ‘संविधान दिवस’ के रूप में घोषित किया गया है,
भारत में 26 जनवरी (26 January) का खास महत्व है. इस दिन भारत का संविधान लागू हुआ था यानी देश में कानून के राज की शुरुआत हुई. भारत तो 15 अगस्त 1947 को आजाद हो गया था, लेकिन 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू होने के बाद भारत को सही मायने में आजादी मिली.
भारत में सविधान को बनने में 2 वर्ष 11 माह 18 दिनका समय लगा | हम हर वर्ष इस दिन को गड्तंत्र दिवस के रूप मानते है|
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सविधान सभा-
भारतीय संविधान का निर्माण भारत की संविधान सभा द्वारा किया गया। संविधान सभा चुने गये जनप्रतिनिधियों की वह सभा होती है जो संविधान नामक विशाल दस्तावेज को लिखने का काम करती है। भारतीय संविधान सभा के लिए जुलाय 1946 ई0 में चुनाव हुए थे
संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसम्बर 1946 ई. इसके अस्थायी अध्यक्ष डा. सचिदानन्द सिन्हा की अध्यक्षता मे हुई थी इसके तत्काल बाद देश दो हिस्सों भारत और पाकिस्तान में बंट गया था इसलिए संविधान सभा भी दो हिस्सों भारत की संविधान सभा और पाकिस्तान की संविधान सभा में बंट गयी ।
भारतीय संविधान सभा में 299 सदस्य थे डा. राजेन्द्र प्रसाद को संविधान निर्मात्री सभा का स्थायी अध्यक्ष बनाया गया और डा. भीमराम अम्बेडकर को संविधान निर्माण की प्रारूप समिति का अध्यक्ष बनाया गया संविधान के प्रारूप की प्रत्येक धारा पर कई-कई दौर की लम्बी-लम्बी चर्चाएं हुई 114 दिनों की लम्बी चर्चाओं के बाद 26 नवम्बर 1949 ई० को संविधान का कार्य पूर्ण हुआ।
मूल संविधान में 395 अनुच्छेद और 8 अनुसूचियां थी वर्तमान में भारत के संविधान में 395 अनुच्छेद और 12 अनुसूचियां है। भारत के संविधान को बनने में 2 वर्ष 11 माह 18 दिन का समय लगा। 26 जनवरी 1950 ई0 को भारत का संविधान लागू किया गया और हम हर वर्ष इस दिन को गणतन्त्र दिवस के रूप में मनाते है।
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संविधान की परिभाषा
संविधान लिखित नियमों का एक ऐसा ग्रन्थ या किताब है जिसे किसी क्षेत्र में रहने वाले लोगों के (जिन्हें नागरिक कहा जाता है ) बीच के आपसी संबन्ध तय होने के साथ -साथ लोगों और सरकार के बीच के सम्बन्ध भी तय होते है।
दूसरे शब्दों में संविधान में कुछ ऐसे सिद्धान्त तथा नियम तय कर लिए जाते हैं जिसके अनुसार किसी देश का शासन चलाया जाता है ,शासन के विभिन्न अंगों का संगठन किया जाता है तथा उनके आपसी सम्बन्धों को निर्धारित किया जाता है ।
संविधान की आवश्यकता
संविधान की आवश्यकता निम्नांकित कारणों से है।
- यह साथ रह रहे लोगों के बीच जरूरी भरोसा और सहयोग विकसित करता है और सरकार और नागरिकों के आपसी सम्बन्धों को निर्धारित करता है।
- संविधान यह स्पष्ट करता है कि सरकार का गठन कैसे होगा और किसे फैसले लेने का अधिकार है।
- संविधान सरकार के अधिकारों की सीमा तय करता है और हमें बताता है कि नागरिकों के क्या अधिकार है।
- संविधान ही सरकार की शक्ति तथा सत्ता का स्रोत है।
- संविधान अच्छे समाज के गठन के लिए लोगों की आकांक्षाओं को व्यक्त करता है।
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भारतीय संविधान का निर्माण
पृष्ठभूमि स्वतन्त्रता आन्दोलन के दौरान ही यह तय हो गया था कि आजाद भारत को किस रास्ते पर चलना चाहिए 1928 ई. में मोतीलाल नेहरू और कांग्रेस के अन्य नेताओं ने भारत का संविधान लिखा था 1931 ई. में कराची अधिवेशन में एक प्रस्ताव यह भी रखा था
कि आजाद भारत का संविधान कैसा होगा 1935 ई. के भारत शासन अधिनियम 1937 ई. के प्रादेशिक असेंबलियों के चुनाव और भारतीय जनता के निरन्तर चिंतन,बहसों ने संविधान के निर्माण में मदद की। 1946 ई. के कैबिनेट मिशन की संस्तुतियों के आधार पर बिट्रिश सरकार द्वारा भारत के लिए संविधान सभा के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ।
संविधान की विशेषताएं
भारत के संविधान की निम्नांकित विशेषताएं है।
- भारतीय संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। जिसमें 395 अनुच्छेद एवं 12 अनुसूचियां है।
- भारतीय संविधान द्वारा भारत में सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न ,समाजवादी,पंथनिरपेक्ष, लोकतन्त्रात्मक गणराज्य की स्थापना की गयी है।
- भारतीय संविधान द्वारा भारत में एकात्मकता लिए हुए संघात्मक शासन की व्यवस्था की गयी है।
- भारतीय संविधान द्वारा नागरिकों के मौलिक अधिकारों की व्यवस्था की गयी है।
- भारतीय संविधान द्वारा भारत में सर्वोच्च तथा स्वतन्त्र न्यायपालिका की व्यवस्था की गयी है।
- भारतीय संविधान नागरिकों के लिए इकहरी नागरिकता की व्यवस्था करता है।
- भारतीय संविधान अनुच्छेद 17 के द्वारा अस्पृश्यता का अन्त करता है।
निष्कर्ष:-
हम उम्मीद करते है की आप हमारी इस पोस्ट में भारत में सविधान कब लागू हुआ ? से जुड़े सारे सवालो के जवाब मिल गए होंगे और आपको ये भी पता चल गया होगा की सविधान कब लागू हुआ और इस का क्या महत्व है | हम आशा करते है की आप को हमारी ये पोस्ट जरूर पसंद आयी होगी | आप को हमारा ये आर्टिकल कैसा लगा हमे कमेंट कर के जरूर बताये | धन्यवाद |
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सविधान से पूछे जाने वाले सवाल:-
1.सविधान सभा के अध्यक्ष कौन है ? |
सविधान सभा के अध्यक्ष डॉ भीमराव आंबेडकर है. |
2.भारत का सविधान बनने में कितना समय लगा ? |
भारत में सविधान को बनने में 2 वर्ष 11 माह 18 दिनका समय लगा. |
3.भारत का सविधान कब लागू हुआ ? |
भारत का सविधान 26 जनवरी 1950 ई0 को लागू हुआ . |
4.सविधान सभा में महिलाओ की संख्या कितनी है ? |
सविधान सभा में महिलाओ की संख्या 15 है . |
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