जानिये उत्तराखंड के सबसे बड़े बांध नमस्कार दोस्तों स्वागत सभी का हमारे नए ब्लॉग में आज हम आपको बताने जा रहे हैं उत्तरखंड के सबसे बड़े बांध के बारे में मुख्य रीलेटेड कुछ बी जानकारी लेना चाहते हैं तो ऐप हमारे सात और तक झुके रहेंगे या सारी जंक्रिया पाए हम आपको छोटी से छोटी जैकरिया देंगे या हर चीज़ आपको बताएगा
देश के सबसे प्रसिद्ध बांध का नाम टिहरी है। 260.5 मीटर ऊंचा यह बांध सिर्फ उत्तराखंड नहीं बल्कि कई राज्यों को रोशन कर रहा है। दिल्ली और यूपी के कुछ इलाकों में बांध के पानी का इस्तेमाल समुद्र और समुद्र के पानी के लिए भी किया जाता है। वहीं सुरक्षा की दृष्टि से भी ये बांधा काफी अहम माना जाता है। हालाँकि कहते हैं कि विकास अपने साथ-साथ कुछ दुष्परिणाम भी लाता है। इस बाँध के भी कई नुकसान हैं।
रिचमंड डिस्ट्रिक्ट हाई एलेशियन वाले भूकंप जोन का क्षेत्र इसलिए नुकसान को रोके जाने के लिए रीच फिल को बनाया गया था। इसके लिए टूटी चट्टान की दीवार पर पूरी तरह से पत्थर और मिट्टी से बने स्मारक बनाए गए। इस बाँध में भागीरथी और भिलंगना नदी का जल एकत्रित होता है।
इस जलविद्युत परियोजना के लिए पुराने न्यूयॉर्क शहर को जलमग्न करना प्रस्तावित था। इसमें 125 रेगिस्तानी पर असर देखने को मिला। इस दौरान 37 गांव पूरी तरह से डूब गये जबकि 88 गांव लगभग प्रभावित हुए। इन जंगलों में रहने वाले लोगों को आस-पास के क्षेत्रों में नए उद्योग और स्मारक स्थापित किए गए थे।
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टिहरी बांध का निर्माण कब हुआ था
तो दोस्तों हम आपको बताने जा रहे हैं कि तेरे बंद का निर्माण कब हुआ था और कितने समय तक यह काम चला आता था और कब से यह काम चल रहा था तो आप हमारे साथ हो जानकरी लेते रहेंगे और जानते रहेंगे
1972 में निर्माण, 2006 में उत्पादन शुरू हुआहरी बाँध उत्तराखंड के सूर्यास्त जिले में बना है। वर्ष 1972 में बाँध के निर्माण को मंजूरी मिल गयी थी और 1977-78 में बाँध का निर्माण कार्य शुरू हुआ था। 29 अक्टूबर 2005 को सूर्यास्त तट की आखिरी लहरें बंद हुईं और लेक बनी शुरू हुई। जुलाई 2006 में डूबते तटबंध से विद्युत उत्पादन शुरू हुआ।
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