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BY : Sultan Singh

What Is Gst In Hindi Full Guide

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what is gst in hindi

दोस्तों क्या आप जानते है की GST क्या (what is gst in hindi) है gst का पंजीकरण कैसे किया जाता है इसका इस्तेमाल कैसे होता है और क्यों होता है यह कितने प्रकार का होता है इत्यादि-

प्रशनो के सभी जवाब इस आज के पोस्ट में हम आपको देंगे सिर्फ इस एक पोस्ट को पढ़ने के बाद आपको किसी और जगह से gst के बारे में जानकारी जुटाने की जरुरत नहीं पड़ेगी।

Read also – What is IGST full form ? | How it will work ? Quick explanation

विषय-सूची

  • 1 What is gst in hindi
  • 2 GST का इतिहास –
  • 3 जी यस टी का क्यों जरुरी है
  • 4 व्‍यापार और उद्योग के लिए लाभ
  • 5 केन्‍द्र और राज्‍य सरकार –
  • 6 उपभोक्‍ताओं के लिए –
  • 7 GST Rules (Gst का नियम )
  • 8 1. 5 % टैक्स –
  • 9 2. 12 % टैक्स –
  • 10 3. 18 % टैक्स –
  • 11 4. 28 % टैक्स –
  • 12 GST पंजीकरण प्रक्रिया (Gst registration process)
  • 13 gst के प्रकार (Types of Gst) –
  • 14 1. The Central Goods and Services Tax (CGST)
  • 15 2. The State Goods and Services Tax (SGST)
  • 16 3. The Union Territory Goods and Services Tax (UTGST)
  • 17 4. The Integrated Goods and Services Tax (IGST)

What is gst in hindi

GST का full form “Goods and Service tax ” होता है इसे हिंदी में “वस्तु एवं सेवा कर” भी कहते है उम्मीद है अब तक आप इसके बारे में समझ गए होंगे अगर नहीं तो कोई बात नहीं हम आपको आगे इसे समझाते है

जी यस टी का एक प्रकार का tax यानी की कर है जो की भारत सरकार के द्वारा 2017 में तमाम तरह के taxs को हटाकर इसे लाया गया है इस tax को वस्तु यानी माल या product में और service में लगाया जाता है

जो की सभी product और service के लिए अलग अलग रेट लागु होता है Gst को one nation one tax के लिए लाया गया (what is gst in Hindi)

Read Also – DNA Full Form in Hindi – What is DNA Structure?

GST का इतिहास –

वस्तु एवं सेवा कर को भारत सरकार द्वारा 1 जुलाई 2017 को भारतीय tax सविंधान में शंशोधन करके इसे पारित किया गया है इस समय तत्कालीन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा लिया गया एक महत्वपूर्ण अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था है

GST के प्रभाव में आने से पहले कई तरह के tax का प्रचलन था जिन्हे हटा कर one nation one tax लागु किया गया इससे पहले के tax में अलग अलग राज्यों में अलग रेट के tax होते थे

किन्तु इस नए नियम के टैक्स के आने के बाद से अब पूरे देश से यह सभी टैक्स को हटा कर केवल एक टैक्स कर दिया गया जिसमे किसी भी प्रोडक्ट या सर्विस का टैक्स पूरे देश में एक ही होगा

पूर्व में किसी भी सामान पर 30 से 35% तक कर देना पड़ता था कुछ चीजों पर तो प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से लगाया जाने वाला कर 50% से ज्यादा होता था

जीएसटी आने के बाद यह कर अधिकतम 28 प्रतिशत हो जाएगा जिसमें कोई भी अप्रत्यक्ष कर नहीं होगा जीएसटी भारत की अर्थव्यवस्था को एक देश एक कर वाली अर्थव्यवस्था बना देगा।

Read also – What is the CGST Full Form ? | CGST Act in 2017, meaning and benefits

जी यस टी का क्यों जरुरी है

वित्त मंत्रालय द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार इस व्यवस्था से निम्न लाभ संभावित हैं

व्‍यापार और उद्योग के लिए लाभ

  1. आसान अनुपालन, पारदर्शिता

एक मजबूत और व्‍यापक सूचना प्रौद्योगिकी प्रणाली भारत में जीएसटी व्‍यवस्‍था की नींव होगी इसलिए पंजीकरण, रिटर्न, भुगतान आदि जैसी सभी कर भुगतान सेवाएं करदाताओं को ऑनलाइन उपलब्‍ध होंगी, जिससे इसका अनुपालन बहुत सरल और पारदर्शी हो जायेगा।

  1. कर दरों और संरचनाओं की एकरूपता

जीएसटी यह सुनिश्चित करेगा कि अप्रत्‍यक्ष कर दरें और ढांचे पूरे देश में एकसमान हैं। इससे निश्चिंतता में तो बढ़ोतरी होगी ही व्‍यापार करना भी आसान हो जाएगा।

दूसरे शब्‍दों में जीएसटी देश में व्‍यापार के कामकाज को कर तटस्‍थ बना देगा फिर चाहे व्‍यापार करने की जगह का चुनाव कहीं भी जाये।

  1. करों पर कराधान (कैसकेडिंग) की समाप्ति

मूल्‍य श्रृंखला और समस्‍त राज्‍यों की सीमाओं से बाहर टैक्‍स क्रेडिट की सुचारू प्रणाली से यह सुनिश्चित होगा कि करों पर कम से कम कराधान हों। इससे व्‍यापार करने में आने वाली छुपी हुई लागत कम होगी।

  1. प्रतिस्‍पर्धा में सुधार

व्‍यापार करने में लेन-देन लागत घटने से व्‍यापार और उद्योग के लिए प्रतिस्‍पर्धा में सुधार को बढ़ावा मिलेगा।

  1. विनिर्माताओं और निर्यातकों को लाभ

जीएसटी में केन्‍द्र और राज्‍यों के करों के शामिल होने और इनपुट वस्‍तुएं और सेवाएं पूर्ण और व्‍यापक रूप से समाहित होने और केन्‍द्रीय बिक्री कर चरणबद्ध रूप से बाहर हो जाने से स्‍थानीय रूप से निर्मित वस्‍तुओं और सेवाओं की लागत कम हो जाएगी।

इससे भारतीय वस्‍तुओं और सेवाओं की अंतर्राष्‍ट्रीय बाजार में होने वाली प्रतिस्‍पर्धा में बढ़ोतरी होगी और भारतीय निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा।

पूरे देश में कर दरों और प्रक्रियाओं की एकरूपता से अनुपालन लागत घटाने में लंबा रास्‍ता तय करना होगा।what is gst in Hindi

Read also – RCM Full Form : Everything Know About The RCM Full Form Under Gst Act 2017

केन्‍द्र और राज्‍य सरकार –

  1. सरल और आसान प्रशासन

केन्‍द्र और राज्‍य स्‍तर पर बहुआयामी अप्रत्‍यक्ष करों को जीएसटी लागू करके हटाया जा रहा है। मजबूत सूचना प्रौद्योगिकी प्रणाली पर आधारित जीएसटी केन्‍द्र और राज्‍यों द्वारा अभी तक लगाए गए सभी अन्‍य प्रत्‍यक्ष करों की तुलना में प्रशासनिक नजरिए से बहुत सरल और आसान होगा।

  1. कदाचार पर बेहतर नियंत्रण

मजबूत सूचना प्रौद्योगिकी बुनियादी ढांचे के कारण जीएसटी से बेहतर कर अनुपालन परिणाम प्राप्‍त होंगे। मूल्‍य संवर्धन की श्रृंखला में एक चरण से दूसरे चरण में इनपुट कर क्रेडिट कर सुगम हस्‍तांतरण जीएसटी के स्‍वरूप में एक अंत:निर्मित तंत्र है, जिससे व्‍यापारियों को कर अनुपालन में प्रोत्‍साहन दिया जाएगा।

  1. अधिक राजस्‍व निपुणता

जीएसटी से सरकार के कर राजस्‍व की वसूली लागत में कमी आने की उम्‍मीद है। इसलिए इससे उच्‍च राजस्‍व निपुणता को बढ़ावा मिलेगा।

उपभोक्‍ताओं के लिए –

  1. वस्‍तुओं और सेवाओं के मूल्‍य के अनुपा‍ती एकल एवं पारदर्शी कर

जीएसटी के अधीन विनिर्माता से लेकर उपभोक्‍ताओं तक केवल एक ही कर लगेगा, जिससे अंतिम उपभोक्‍ता पर लगने वाले करों में पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा।

  1. समग्र कर भार में राहत –

निपुणता बढ़ने और कदाचार पर रोक लगने के कारण अधिकांश उपभोक्‍ता वस्‍तुओं पर समग्र कर भार कम होगा, जिससे उपभोक्‍ताओं को लाभ मिलेगा।

GST Rules (Gst का नियम )

दोस्तों हम आपको बता दे की GST  में चार स्तर की, 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत की दरें निर्धारित की गई हैं.

आवश्यक वस्तुओं जैसे कि दूध, लस्सी, दही, शहद, फल एवं सब्जियां, आटा, बेसन, ताजा मीट, मछली, चिकन, अंडा, ब्रेड, प्रसाद, नमक, बिंदी, सिंदूर, स्टांप, न्यायिक दस्तावेज, छपी पुस्तकें, समाचार पत्र, चूड़ियाँ और हैंडलूम आदि वस्तुओं पर जीएसटी नहीं लगेगा।

1. 5 % टैक्स –

इस tax के दायरे में चीनी, चाय, भुने हुई कॉफी बीन्स, खाने योग्य तेल, स्किम्ड मिल्क पाउडर, बच्चों के लिए मिल्ड फूड, पैक्ड पनीर, सूती धागा, फैब्रिक, सरकंडे की झाड़ू, 500 रुपये तक की फुटवेयर, न्यूजप्रिंट, पीडीएस के तहत मिलने वाला केरोसिन, घरेलू एलपीजी, कोयला, सोलर फोटोफोलटैक सेल और मॉड्यूल, कॉटन फाइबर, कपड़े जोकि 1000 रुपये तक के आते है

2. 12 % टैक्स –

जीएसटी के तहत 12 फीसदी टैक्स स्लैब के दायरे में होगा यह सामान- मक्खन, घी, मोबाइल, काजू, बादाम, सॉस, फलों का जूस, नारियल पानी, अगरबत्ती, छाता, कपड़े जोकि 1000 रुपये से अधिक हो.

3. 18 % टैक्स –

हेयल ऑयल, साबुन, टूथपेस्ट, कैपिटल गुड्स, इंडस्ट्रियल इंटरमीडियरीज, पास्ता, कॉर्न फ्लैक्स, जैम, सूप, आइसक्रीम, टॉयलेट/फेशियल टिश्यूज, आयरन/स्टील, फाउंटेन पेन, कंप्यूटर, मानवनिर्मित फाइबर, वो सभी जो 500 रुपये से अधिक के फुटवेयर है

जो की जीएसटी के तहत 18 % टैक्स स्लैब के दायरे में आते है

4. 28 % टैक्स –

यह सामान- उपभोक्ता इस टैक्स के under आने वाली टिकाऊ वस्तुएं होंगी जैसे सीमेंट, चुइंग गम, कस्टर्ड पाउडर, परफ्यूम, शैंपू, मेकअप, पटाखे, मेकअप का सामान और मोटरसाइकल.इत्यादि

GST पंजीकरण प्रक्रिया (Gst registration process)

दोस्तों हमने इससे पहले अपने इक पोस्ट में बताया है की कैसे आप अपने business के लिए GST registration कर सकते है आप चाहे तो हमारे उस ब्लॉग को चेक कर सकते है

gst के प्रकार (Types of Gst) –

दोस्तों GST के मुख्यतः 4 प्रकार के होते है जो की इस प्रकार से है

1. The Central Goods and Services Tax (CGST)

सीजीएसटी को केंद्रीय कर के रूप में संदर्भित किया जाता है जो किसी राज्य के भीतर होने वाली वस्तुओं और सेवाओं के लेनदेन पर लगाया जाता है।

केंद्र सरकार द्वारा प्रभावित, CGST राज्य कर, CST, SAD, आदि सहित अन्य सभी केंद्रीय करों को प्रतिस्थापित करना सुनिश्चित करता है, CGST के अंतर्गत वस्तुओं और सेवाओं की कीमतें मूल बाजार मूल्य के अनुसार वसूल की जाती हैं।

Read also – SSD Full Form In Hindi – एस एस डी ड्राइव क्या है? What Is SSD Full Form

2. The State Goods and Services Tax (SGST)

SGST को हर राज्य के माल और सेवाओं के लेनदेन पर लगाए गए दो करों में से एक के रूप में परिभाषित किया गया है। हर राज्य की राज्य सरकार द्वारा छोड़े गए, SGST हर तरह के मौजूदा कर को प्रतिस्थापित करता है,

जिसमें बिक्री कर, मनोरंजन कर, वैट, प्रवेश कर आदि शामिल हैं। SGST के तहत, राज्य सरकार अर्जित राजस्व का दावा कर सकती है।

3. The Union Territory Goods and Services Tax (UTGST)

वस्तुओं और सेवाओं की इंट्रा यूटी आपूर्ति पर लागू, यूटीजीएसटी लगाने का उद्देश्य एसजीएसटी के समान लाभ प्रदान करने के लिए कर का एक संग्रह लागू करना है।

UTGST पांच केंद्र शासित प्रदेशों जैसे लक्षद्वीप, दमन और दीव, दादरा और नगर हवेली, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और चंडीगढ़ पर लागू है।

4. The Integrated Goods and Services Tax (IGST)

IGST को वस्तुओं और सेवाओं के अंतरराज्यीय लेनदेन पर लागू किया जाता है। IGST उन सामानों पर भी लागू होता है जो संबंधित राज्यों के बीच वितरित करने के लिए आयात किए जाते हैं।

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